उत्तर प्रदेश की मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना: गर्भवती महिलाओं को 25,000 रुपये का लाभ

UP Women Schemes: उत्तर प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, जिसका नाम मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, खासकर तब जब उनके यहाँ बेटी का जन्म होता है। यह योजना निर्माण क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिन्हें प्रसव के पहले और बाद में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

योजना का मुख्य उद्देश्य

इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य निर्माण श्रमिकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद आराम मिल सके और उनके पोषण एवं स्वास्थ्य की उचित देखभाल हो सके। यह योजना विशेष रूप से बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने और लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए भी शुरू की गई है।

योजना की पात्रता शर्तें

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:

  • निर्माण श्रमिक पंजीकरण : लाभार्थी को निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीकृत होना चाहिए और कम से कम 365 दिनों तक बोर्ड का सदस्य होना चाहिए।
  • प्रसव की संख्या : यह लाभ केवल पहले दो प्रसवों तक ही दिया जाएगा।
  • संस्थागत प्रसब : प्रसव अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में होना चाहिए।
  • बालिका जन्म : योजना का लाभ केवल बालिका के जन्म पर ही मिलेगा।
  • पहली और दूसरी बालिका के जन्म पर 25,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
  • गोद ली गई बालिका : निःसंतान दंपत्ति द्वारा कानूनी रूप से गोद ली गई बालिका को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि

  • मातृत्व लाभ : महिला श्रमिकों को संस्थागत प्रसव पर 3 महीने के न्यूनतम वेतन के बराबर राशि और 1,000 रुपये का चिकित्सा बोनस दिया जाएगा।
  • शिशु लाभ: यदि शिशु लड़का है, तो 20,000 रुपये और लड़की होने पर 25,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
  • दिव्यांग बालिका : यदि जन्म से ही बालिका दिव्यांग है, तो 50,000 रुपये की सावधि जमा राशि 18 वर्ष की आयु तक अविवाहित रहने पर दी जाएगी।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड
  • श्रमिक कार्ड
  • स्थायी निवास प्रमाण पत्र
  • शिशु का जन्म प्रमाण पत्र
  • चिकित्सक द्वारा जारी प्रसव प्रमाण पत्र
  • वैधानिक गोद प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • फोन नंबर और ईमेल आईडी

आवेदन प्रक्रिया

  • सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की फोटो कॉपी तैयार करें।
  • नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन करें।
  • आवेदन पत्र और दस्तावेज़ों की फोटो कॉपी श्रम प्रवर्तन कार्यालय में जमा करें।
  • आवेदन की स्थिति की जांच करते रहें।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए एक बेहतरीन पहल है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि बालिकाओं के जन्म को भी प्रोत्साहित करती है। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो आवश्यक दस्तावेज़ों को तैयार करके आवेदन करें और इसका लाभ उठाएं।

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